Asort : एक साधारण लड़की की असाधारण कहानी – कविता सुनील बारडे

संघर्षों से शुरू हुई एक नई राह

 

महाराष्ट्र के नासिक जिले के एक छोटे से गाँव में जन्मी कविता सुनील बारडे की कहानी एक साधारण लड़की की नहीं, बल्कि एक जुझारू योद्धा की कहानी है। उनका बचपन मुश्किलों में बीता। पिता एक हादसे में विकलांग हो गए और परिवार का सारा बोझ माँ के कंधों पर आ गया। खेती करके जैसे-तैसे घर चल रहा था, लेकिन आमदनी इतनी कम थी कि दो वक्त की रोटी और बच्चों की पढ़ाई दोनों एक साथ निभाना मुश्किल था।

कम उम्र में जिम्मेदारी का बोझ

कविता ने बहुत छोटी उम्र में समझ लिया कि अगर हालात बदलने हैं, तो उसे भी कुछ करना होगा। स्कूल के बाद वह सब्ज़ियाँ बेचने जाती थीं। गर्मी हो, बारिश हो या सर्दी—कविता हर दिन सड़कों पर खड़ी रहती थीं, सिर्फ़ इसलिए ताकि उनके छोटे भाई पढ़ सकें और घर की मदद हो सके।

 

नौ साल तक उन्होंने यही किया। इस दौरान उन्होंने एक-एक पैसा जोड़ना शुरू किया, क्योंकि उनके मन में एक सपना था—पुलिस अफसर बनने का।

सपना, जो अधूरा रह गया… फिर भी उम्मीद नहीं छोड़ी

कविता का सपना था—अपने गाँव की महिलाओं की सुरक्षा के लिए कुछ करना। उन्होंने पुलिस भर्ती की तैयारी की, खूब मेहनत की, लेकिन आख़िरी परीक्षा में वह सिर्फ़ एक नंबर से पीछे रह गईं।

एक नंबर। सोचिए, इतने साल की मेहनत, एक सपना… और सिर्फ़ एक नंबर की वजह से सबकुछ टूट जाता।

लेकिन कविता ने हार नहीं मानी।

नया रास्ता, नई शुरुआत – Asort के साथ

कविता ने जब Asort के बारे में सुना, तो शुरुआत में उन्हें कुछ समझ नहीं आया। लेकिन एक दोस्त के कहने पर उन्होंने नज़दीक से जाना और फिर पूरे विश्वास के साथ अपनी जमा पूँजी इसमें निवेश कर दी। उन्होंने देखा कि यहाँ एक समुदाय है, जहाँ लोग एक-दूसरे की मदद करते हैं, सीखते हैं, बढ़ते हैं।

धीरे-धीरे उन्होंने खुद को बदला, सीखा, और एक छोटे स्तर से अपने बिज़नेस की शुरुआत की। और आज, वो खुद एक प्रेरणा बन चुकी हैं।

अब कविता सिर्फ़ एक नाम नहीं, एक प्रेरणा हैं

कविता अब सिर्फ़ अपने लिए नहीं, बल्कि अपने जैसे कई और लड़कियों के लिए मिसाल बन चुकी हैं। उन्होंने दिखा दिया कि हालात चाहे जैसे भी हों, अगर इरादा पक्का हो तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं।

कविता की कहानी हमें ये सिखाती है कि ज़िंदगी में हार उन्हीं की होती है, जो कोशिश करना छोड़ देते हैं। जिन्होंने मेहनत को अपना धर्म बना लिया, उनके लिए कोई भी रास्ता बंद नहीं होता। उन्होंने न केवल अपने परिवार को संभाला, बल्कि पूरे समाज को एक नई दिशा दी।

 

यह सिर्फ़ कविता की नहीं, उन लाखों महिलाओं की कहानी है जो चुपचाप अपने सपनों को जीने की कोशिश कर रही हैं। और अब, उन्हें देखकर यक़ीन होता है—सपने सच होते हैं, बस हिम्मत नहीं हारनी चाहिए।

  • All Posts
  • Asort Company
  • asortexperiences
  • Blog
Load More

End of Content.